लघु कथा--"सीख" (डॉ. चंचल भसीन)
लघु कथा
"सीख"- कई बार घर के बड़े-बजुर्गों द्वारा दी गई हिदायतें समय बीत जाने पर याद आती हैं कि समय होते उन पर अमल क्यों नहीं किया। बाद में उस का पश्चाताप होता रहता । ऐसे ही मुझे भी याद हैं जब हम छोटे-छोटे हुआ करते थे तो छोटी-छोटी बातों पर लड़ना शुरू कार देते थे और तब हमारी माता जी हमें ढ़ांटते और समझाते थे कि किसी भी बात पर झगड़ा शुरू करने से पहले उसकी तह तक जाया करो। ऐसे ही लड़ना शुरू कर देते हो । तब हमे मिसाल दे कर समझाती थी जो मुझे आज भी याद है।
एक परिवार में पति-पत्नी रहते थे और उनकी आपस में बहुत ज्यादा बनती थी पर यहबात पडोसी को बिल्कुल भी नही सुहाती थी। वह बड़ा परेशान रहता कि इन की लड़ाई कैसे लगाई जाए जिससे इन के घर में भी झगड़ा होता रहे। इनकी आपस में न बने। वह दिन-रात इसी चक्कर में रहता। उसे बेचैनी रहने लगी। इक दिन वह पंडित के पास गया और कहने लगा- पंडित जी मुझे बहुत बेचैनी रहती है। कुछ उपाए बताएं। पंडित-किस कारण आप को बेचैनी है?पड़ोसी- क्योंकि मेरे पड़ोसी परिवार की आपस में बहुत बनती है।मुझे एक आंख नहीं भाते। इसलिए मै बेचैन रहता हू
पंडित-बच्चा परेशान और बेचैन होने वाली कोई बात नहीं। मै तुझे कुछ सुनाता हूँ और आप उन दोनों को अलग अलग करके सुनाना। तो फिर देखना क्या मजा आता है। आप कह रहे हो वह अलग नहीं होते उन्होंने एक-दूसरे की परछाई भी नहीं लेनी।पड़ोसी-ठीक, पंडित जी।
उसने दोनों को अलग-अलग करके अपनी बात सुनाना शुरू की।
पहले वह औरत के पास गया और कहने लगा-भाभी आपसे एक बात पूछनी है पर मुझे कुछ खौफ आ रहा है कि आप नराज न हो जाए। पर है आप के भले की। उसके जोर डालने पर सुनाने लगा-भाभी मैंने सुना है कि भाई जी पिछले जन्म में गधे थे और वह कुम्हार के घर पर नमक ढोने का काम करते थे। पर अगर आप को यकीन नही है तो रात को जब सोए गए तो उन के जिस्म को चाट कर देख लेना विश्बास हो जाएगा। मैंने जब सुना तो मुझे बहुत ही बुरा लगा। आप इतनी पूजा-पाठी और भाई साहिब पिछले जन्म में गधे थे। इतनी बात कह कर चला गया और औरत को यह सब सुन कर परेशानी होने लगी कि कब रात हो और वह सब कर के देखे। ऐसे ही उसके पति के पास गया। और कहने लगा भाई साहिब मैंने एक बात करनी है आपसे, मुझे अच्छा नही लग रहा। अगर आप इजाजत दो तो आप को सुनाऊँ? इसमें इजाजत की कोई जरूरत नही है आप सुनाओ।
पड़ोसी- मैंने सुना है कि आप पिछले जन्म में ऋषि-मुनि थे और आप की धर्मपत्नी कुतिया थी । आपकी शादी का जोड़ बड़ा ही बेमेल है और कुछ समय के बाद उसने आपको खा जाना है। अगर आप को यकींन नही तो रात को किसी दिन जाग कर देख लेना। क्या लक्ष्ण है उसके?
घर आकर उसे कुछ भी समझ नही आ रहा था कि क्या करे? पत्नी की ओर देखने का मन नही कर रहा था क्योंकि तब वह अपने आप को बड़ा ऋषि-मुनि और पत्नी को एक जानवर (कुतिया ) समझ रहा था। ऐसे ही उसकी पत्नी के मन में गुस्से का उफान उबल रहा था। जैसे ही रात हुई तो पति-पत्नी सोने लगे पर नींद कहाँ ? लगे करवटें बदलने और सोने का पखंड करने। जब पत्नी को लगा कि उसके पति सो गये है तो वह उठी और लगी चाटने तो उसके पति ने उसकी बाजू पकड़ ली और कहने लगा मुझे पक्का यकीन हो गया कि आप पिछले जन्म में कुतिया ही थी। मुझे पड़ोसी ने बताया था सच ही है। जैसे ही उसके मुहं से पड़ोसी का नाम सुना तो झट से बोली तो आप को भी उसी ने बताया था, मुझे भी तो आपके बारे में उसी ने कहा कि पिछले जन्म में गधे थे । दोनों दंग रह जाते है कि कैसे उन्हें मूर्ख बनाया गया।
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_डॉ. चंचल भसीन
(जम्मू)
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